Tuesday, May 25, 2010

उदासी अच्छी नहीं लगती

ख़ूबसूरत चेहरों पर उदासी अच्छी नहीं लगती
नए घर में चीजें पुरानी अच्छी नहीं लगती।
जिनसे पहचान है मेरे होने की, बच्चों को दीवार पर
तस्वीर मेरे उन बजुर्गों की अच्छी नहीं लगती ।
दोस्ती कोई पल दो पल की बात नहीं हुआ करती
चाहत मजबूरियों में पली अच्छी नहीं लगती।
बर्दाश्त करने की हद से अब दम घुटने लगा है
वक़्त की हर वक़्त की मार भी अच्छी नहीं लगती।
कोई मेरे दर्दो-गम को सराहेगा कब तलक
हर वक़्त की शायरी भी अच्छी नहीं लगती।

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