Thursday, May 27, 2010

आदत है

ख्वाबों को आते रहने की आदत है
आदतों को बदलते रहने की आदत है।
अपना न होकर रह सका दिल कभी
इसे किसी दिल में रहने की आदत है।
अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है मासूम जब
माँ के दिल को बल्लियों उछलने की आदत है।
सुबह लालिमा उभरती है आसमान में
उदास शाम को रोज़ ढलने की आदत है।
लम्हा लम्हा धूप उतरती जाती है ज्यों
उम्र को धीरे धीरे गुजरने की आदत है।
मुफलिसी का दर्द वही समझता है
जिसके पेट को भूखे रहने की आदत है।
मेरे हौसलों का दम तू जानता तो है
मुझे हर हल में खुश रहने की आदत है।
चलने दे सफ़र में अकेला ही मुझे
मुझे दुनिया की नज़र में रहने की आदत है।

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