Monday, August 2, 2010

चाँद सितारे फलक पर सजे जा रहे हैं.

चाँद सितारे फलक पर सजे जा रहे हैं
फूल संग कांटे चमन में खिले जा रहे हैं।
एक ही पेट से पैदा हुए हैं जो भाई भाई
वही अक्सर आपस में लड़े जा रहे हैं।
एक ही तहरीर है सबके पास मगर
फिर भी सब के सब भिड़े जा रहे हैं।
झगड़े में कट गई उम्र काम की थी जो
जिदों पर ही अपनी सब अड़े जा रहे हैं।
लाजिम है मौत ने एक दिन आना है
मौत आने से पहले सब मरे जा रहे हैं।
बरस दर बरस से यही तो हो रहा है
दरिया ही अब किनारे बने जा रहे हैं।

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