Thursday, February 3, 2011

वो हसीन पल गुदगुदाता है मुझे
मेरे बचपन से मिलाता है मुझे।
पहली दफ़ा खुद को देखा था
वह आइना याद आता है मुझे।
कैसे उठते थे क़दम गिरते पड़ते
ठुमक के चलना तरसाता है मुझे।
मुझमे एक अदा थी तिश्नगी की
पल वह बैचैन कर जाता है मुझे।
मीठी मीठी बातें मइया बाबा की
शहद का कूज़ा याद आता है मुझे।

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