Tuesday, June 7, 2011

लकीर चेहरे पर उम्र का पता देती है
लकीर हाथ की मुकद्दर का पता देती है।
हवा नमकीन समंदर से उड़के आती है
उदास हो तो टूटे जिगर का पता देती है।
बेहद प्यार से संवारते हैं हम घर को
उजड़ी हवेली खंडहर का पता देती है।
दुखों का बंटवारा कर नहीं पाते हम
ख़ुशी किसी धरोहर का पता देती है।
कभी हंसी कोई जान निकाल देती है
कोई दिल के अन्दर का पता देती है।
गाँव बनावटीपन से बहुत दूर होता है
रोटी दिल लुभाते शहर का पता देती है।

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