Wednesday, January 9, 2013

बेटा भले ही बुज़ुर्ग हो जाये ,माँ से यह कहता है
माँ मुझको सुकून तेरी ही गोद में तो मिलता है !
तेरी दुआओं से ही मेरे दिल में उजाला भरता है
माँ तेरा दिल भी तो बस मेरा ही रस्ता तकता है !
माँ कहती है ,
सफ़र जितना बाकी है यूं ही कट जाये मेरे बेटे
तेरे हाथों की हरारत से मेरा चेहरा निखरता है !
तू ही तो मेरा नटखट कन्हैया भी है मेरे बेटे
तेरी बातों में ही तो मेरा ज़हान भी बसता है !
मगर क्या करूँ, मेरी किस्मत में तो जुदाई है
यह सोच कर दिल मेरा बेहद ही धडकता है !

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