Sunday, May 26, 2013

तुझसे खुशबु लेकर के गुलाब महकता है
तेरे नूर से फ़लक़ पर सूरज  चमकता  है  !
तेरी रूह की आंच से तपती है रूह  मेरी
तेरे बदन  की ताव से  चाँद पिघलता है !
ख़्वाबों सी मिली है खुबसूरती  तुझ को
दिलों की वादी में तेरा ही शोर मचता है  !
तेज़ हुआ जाता है तूफ़ान मुहब्बत  का
तुझे देख  मौसम भी सरगम बदलता है  !
बढ़ जाती हैं धडकने दिल की मेरे जब
तमाम शहर तुझको हसरत से तकता है  !

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