Monday, July 28, 2014

उन जैसा कोई भी नहीं दूसरा देखा
उन्हें जब भी देखा अलग सा देखा।
क्यूं न सज़दा करें दरगाहे हुस्न में
मैंने  उनमें सदा अपना ख़ुदा देखा।  

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