Friday, June 26, 2015

यह तो पता था उन से मुलाक़ात होगी 
आसमां से कहकशां की बरसात होगी। 

नूरे हुस्न बरसेगा  चांदनी का चाँद से 
यह न पता था इतनी हसीन रात होगी। 

लबों पर ख़ामोश मुहब्बत का फ़साना 
शामे मुहब्बत में आँखों से बात होगी। 

शबनम की बूंदे होगी रेशमी पलकों पे 
होठों पर भी खुशियों की सौगात होगी।

संदली सी वो खुशबु साँसों में बही होगी  
जिस्मों की आंच खुश्बुए ज़ज्बात होगी। 

यह तो पता था  उनसे बातें बहुत होंगी 
न पता था दिल से  दिल की बात होगी। 

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