Saturday, January 7, 2017

कुछ बातों पर बस चलता नहींं
वक्त का फैसला  बदलता नहींं
सब रहनुमा हैंं सब ताकतवर हैंं
कद किसी का कम लगता नहींं
रोज रोज मौजूअः बदलता है वो
दमखम उसमे कोई दिखता नहींं
मंजिल की खबर न रस्ते का पता
वक्त चला जा रहा है रूकता नहींं
झूठ सच मे फर्क इतना ही तो है
हकीकत का अंदाज लगता नहींं
हुस्न का भी तो अलग ही दस्तूर है
किसी को वह कुछ समझता नहीं
हुस्न की बाहों मे दम तोड़ देता है
इश्क़ किसी दर पर झुकता नहींं
जिंदगी तू भी जाने कैसी शराब है
तेरा ही  नशा कभी उतरता नही 

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