Saturday, February 18, 2017

मैंने उसको अपना जिगर दे दिया
उसने गम मुझे इस कदर दे दिया
मेरा जिगर छलनी करने के वास्ते
मेरे हाथ मेंं अपना खंजर दे दिया
उसका मुकद्दर संवारने के लिए
 मैंने उसे अपना दस्ते हुनर दे दिया
छांह भी मयस्सर न होसकी कभी
 सूखी शाखों का मुझे शज़र दे दिया
आसूं तक अपना चलन भूल गए
मुझको ऐसा जख्मे जिगर दे दिया

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