Sunday, February 18, 2018

हमने हर गम तेरा दिल में छिपा रखा है
वरना इस दिल में बता और क्या रखा है
मेरी तन्हाई मुझसे बातें करती है अक्सर
क्या खूब तूने भी घर अपना सजा रखा है
नशा गज़ब का है नशीली आखों में तेरी
तूने आखों में कोई मैखाना छिपा रखा है
लाख देखा करे चाँद सितारे दुनिया तुझे
मेरी दुआ ने तुझे हर नज़र से बचा रखा है
साथ तेरे मैं, चलता भी तो चलता कैसे
तूने आसमान सारा सर पर उठा रखा है
लब खामोश हैं हो रही हैं नज़र से बातें
ये हुनर हमने तुझको भी सिखा रखा है
ख़ूबी हवा की थी वक़्त की थी या मेरी
हमने वीराने में अब चमन बसा रखा है
जाने कैसे लग गई थी लौ इश्क से हमें
अब हमने फ़कीरी में  मन लगा रखा है
-----सत्येन्द्र गुप्ता

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